150+ Popular Gulzar Shayari in Hindi

By Shayariguru

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दिल की ज़िद हो तुम वरना
इन आंखों ने बहुत चेहरे देखे हैं

किसी ने क्या खूब कहा है !
ना खुशी खरीद पाता हूँ ना गम बेच पाता हूँ,
फिर भी ना जाने क्यों हर रोज कमाने जाता हूँ..

जात देख कर शादी करने वाले लोग,
ग्नन की बोतल किसी से भी ले लेते हैं ।

अच्छे लोग बहुत ही सस्ते होते हैं,
बस मीठा बोलो और खरीद लो…!

हँसता तो मैं रोज हूँ
मग़र खुश हुए ज़माना हो गया

कुदरत के फैसले पर कभी शक मत करना.
अगर सजा मिल रही है तो.
गुनाह भी हुआ होगा…

ज़िन्दगी.. ये तेरी खरोंचे हैं मुझ पर या.
फिर तू मुझे तराशने.
की कोशिश में है..

आएंगे हम याद तुम्हे एक बार फिर से,
जब तेरे अपने फ़ैसले तुझे सताने लगेंगे..!!

अपनों ने इतना तन्हा कर दिया,
की हम अपने राज़ गैरों से खोल बैठे ।

अपना वो है जो किसी और के लिए,
तुम्हे नजरअंदाज ना करे ।

सारे फरिश्ते मुझे ही मिले है जिंदगी में.
कोई गलती करता ही नहीं मेरे सिवा..!!

जुबान कड़वी और दिल साफ रखता हूँ
कौन कब कहाँ बदल गया
सबका हिसाब रखता हूँ।

उम्र बढ़ती रहेगी साल घटते रहेंगे और होती रहेगी
गुफ़्तगू हैप्पी बर्थडे टू यू

हालात सीखा देते है बातें सुनना और
सहना वरना हर शख्स
अपने आप में बादशाह होता है

बड़े ही खुशनुमा वहम थे,
की हम उनकी जिंदगी में अहम थे।

रास्तों ने चाहा तो फिर मिलेंगे हम,
मंजिलों का तो कोई इरादा नहीं दिखता…

तू कितनी भी खूबसूरत क्यूं ना हो
ए ज़िन्दगी खुशमिजाज दोस्तों के बगैर
अच्छी नही लगती !

तुम्हारा साथ तसल्ली से चाहिए मुझे,
जन्मों की थकान लम्हों में कहाँ उतरती है..

कल रात सारे ग़म आसमान को सुना दिए मैंने,
आज मैं चुप हूं और आसमान बरस रहा है।

ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ
बस बचपन की जिद समझौतों में बदल जाती है..

तसल्ली से पढ़ा होता तो समझ में आ जाते
हम कुछ पन्ने बिना पढ़े ही पलट दिए होंगे तुमने

Gulzar Shayari in Hindi

सारे फरिश्ते मुझे ही मिले है जिंदगी में.
कोई गलती करता ही नहीं मेरे सिवा..!!

दिलों की बात करता है
ज़माना पर मोहब्बत आज भी
चेहरे से शुरू होतीं है

लोगों ने मुझ में इतनी कमियां निकाल दी की
खूबियों के सिवाय अब मुझ में कुछ बचा ही नहीं

सफ़ेद बाल देखकर मुंह नहीं फेरिए जनाब,
चीज़ों को भी ब्राण्डेड होने में उमर लग जाती है….

वजह पूछने का मौका ही नहीं मिला,
वो लहज़ा बदलते गए और हम अजनबी होते गए..

ढूंढेंगे तो कमियां मिल ही जाएंगी,
खुदा के बंदे हैं, खुदा थोड़ी ना हैं।

लफ्जों के दांत नहीं होते पर काटते हैं
और काट लें तो उनके ज़ख्म नहीं भरते..

चार दिन की जिन्दगी में किस से कतरा के चलूं,,
ख़ाक हूं मै, खाक पर, क्या खाक इतरा के चलूं

अपना वो है जो किसी और के लिए,
तुम्हे नजरअंदाज ना करे ।

किसी पर मरने से शुरू होती है मोहब्ब्त,
इश्क़ जिंदा लोगों के बस की बात नहीं ।

रहने दे एक मुलाकात उधार यूं ही,
सुना है उधार वालों को लोग भुलाया नहीं करते ।

मिजाज में थोड़ी सख्ती लाजमी है साहब,
लोग पी जाते अगर समंदर खारा ना होता

When gulzar sahab said:
Kisi ek ke liye rehna aur reh jaana,
Sab ke bas ki baat nahi.

मेरे किरदार से वाकिफ होने की कोशिश मत कर,
हमें समझने के लिए दिल लगेगा और तुम दिमाग वाले हो..!

मालूम है की ख़्वाब झूठे हैं और
ख़्वाहिशें अधूरी हैं
पर ज़िंदा रहने के लिए कुछ
गलतफहमियाँ भी ज़रूरी हैं

मुझे किसी के बदल जाने का कोई गम नहीं,
बस कोई था जिससे यह उम्मीद नहीं थी.

कि मेरी नज़रे भी कितनी बफादर हैं
ये घूम फिर कर तुझ पे ही आ जाती हैं..

बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती…!

पल्लू गिर गया, पर वो घबराई नहीं
उसे यकीन था मेरी नजर झुकी होगी..

इश्क का तो पता नहीं मगर जो तुमसे है,
वो किसी और से नहीं…!!

जिसे सोचकर ही चेहरे पर ख़ुशी आ जाए
वो ख़ुबसूरत एहसास हो तुम

इग्नोर करना है तो अच्छे से करो,
बीच बीच में अटेंशन देकर फ़्लो मत बिगाड़ो.

तुझे रोज देखूं करीब से
मेरे शौक़ भी कितने अजीब से

काश तू सिर्फ़ मेरा होता या
फिर मिला ही ना होता

ज़िन्दगी का तजुर्बा है
मजा तरसने में ही है

मैंने कब कहा वो मिल जाये मुझे,
गैर ना हो जाये बस इतनी सी हसरत है.

फ़िर एक बार मिलो पहली बार की तरह,
फ़िर एक बार तुम्हें पहली बार देखना है!.!

मोहब्बत में ज़बरदस्ती अच्छी नहीं होती
जब आपका दिल चाहे तब मेरे हो जाना

माना कि जायज नहीं है
इश्क तुमसे बेपनाह करना,
मगर तुम अच्छे लगे तो ठान लिया
ये गुनाह करना.

प्यार तुमसे करते हैं तो
झगड़ा करने कहीं और थोड़ी जायेंगे.

उम्र नहीं थी इश्क करने की,
बस एक चेहरा देखा और गुनाह कर बैठे..!!

Shayariguru

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